Golden Goose सोने का हंस.


बहुत पुरानी बात है।एक आदमी क़े तीन बेटे थे।सबसे छोटे बेटे का नाम था डेब्यूलिंग।सभी अवसरों पर उस बेचारे का अपमान किया जाता था।

एक बार आदमी का बड़ा बेटा जंगल मै लकड़ी काटने जाने को तैयार हुआ तो उसकी माँ ने बेटे को एक बड़ा टुकड़ा केक का और एक वाइन की बोत्तल दी ताकि वो जंगल मे भूख प्यास से परेशान ना हों।

लड़के ने जैसे ही जंगल मेँ प्रवेश किया तभी उसे एक भूरे, घुंघराले बालो वाला आदमी मिला।उसने लड़के से कहा" मुझे केक का टुकड़ा और एक कप वाइन की दे दो मै बहुत भूखा हूँ। " लेकिन लड़के ने कहा "अगर मै तुम्हें केक और वाइन दे दूँगा तो मेरे पास कुछ नहीं बचेगा।तुम मुझ से दूर रहो।" ऐसा कह कर वो जंगल मे चला गया।आदमी वही खड़ा रहा।

लड़के ने जैसे ही पेड़ काटना शुरू किया कुल्हाडी उसके हाथ पर लगी और खून निकलने लगा।वो घायल हाथ ले कर घर की तरफ भागा। वो बूढ़ाआदमी कही आस पास ही था।

उसके बाद दूसरे नंबर का लड़का जंगल मे जाने को तैयार हुआ।पहले वाले की तरह उसे भी एक टुकड़ा केक और वाइन का दिया गया। दूसरे लड़के को भी भूरे, घुघराले बालो वाला बूढ़ाआदमी मिला। उसने पहले क़ी तरह उस से भी केक और वाइन माँगी। दूसरे लड़के ने कहा " मुझ से दूर रहो, मै तुम्हें कुछ नहीं दूँग।" बूढा खड़ा रह गया और लड़का जंगल मे चला गया।

वहाँ पहुँच जैसे ही लड़का लकड़ी काटने को तैयार हुआ । उसकी कुल्हाड़ी का वार पेड़ पर गलत लगा और पेड़ उसकी टाँग पर गिर पढ़ा।दूसरा लड़का भी घायल अवस्था मे घर की तरफ भागा । बुडा आदमी तब भी कही आस पास ही था ।

अपने दोनों भाइयों की ऐसी हालत देख कर डेब्यूलिंग ने अपने पिता से कहा " मुझे भी जंगल मेँ लकड़ी काटने जाना है" पिता ने कहा " नहीं, तुम्हें इन कामों की कोई समझ नहीं है,अपने भाईओ की हालत देखों " पिता ने साफ़ मना कर दिया। लेकिन डेब्यूलिंग ने पिता को मना लिया। जब डेब्यूलिंग जंगल की तरफ जाने लगा। तो उसको माँ ने एक टुकड़ा केक और खट्टी बिअर दी ।

डेब्यूलिंग जब जंगल मेँ पंहुचा तो उसे भी वहीँ भूरे, घुंघराले बालों वाला बूढ़ा आदमी मिला और उसने डेब्यूलिंग से भी केक और वाइन माँगी। डेब्यूलिंग ने कहा कि " मेरे पास सादा सा एक टुकड़ा केक है और खट्टी बियर है वाइन नहीं है अगर आप खाना चाहे तो खा सकते है" बूढ़ा आदमी तैयार हो गया।
डेब्यूलिंग ने जब खाने का समान निकाला तो वो एक मीठा केक और बहुत बढ़िया क़्वालिटी की वाइन मे बदल चुका था
दोंनो ने मिल कर केक खाया और वाइन पी।बूढ़ा आदमी बहुत खुश हुआ उसने कहा " तुम बहुत अच्छे आदमी हों, मै तुम्हें आशीर्वाद देता हूँ.. आगे जाओ एक पुराना पेड़ तुम्हें मिलेगा उसे काटना उसकी जड़ो मे तुम्हें कुछ जरूर मिलेगा " ये कह कर आदमी ओझल हों गया ।डेब्यूलिंग जंगल की तरफ़ बड़ गया ।

जंगल मे डेब्यूलिंग ने एक पुराने पेड़ को काटा।पेड़ जैसे ही कट के जमीन पर गिरा उसकी जड़ो मे डेब्यूलिंग को एक बेहद खूबसूरत हंस मिला जिसके पंख सोने के थे।डेब्यूलिंग ने हंस को गोद मे ले लिया और वापिस चल पड़ा।रात हो चुकी थी,उसने सराय मे रात गुजारना ठीक समझा।

सराय के मालिक की तीन बेटियां थी। वो तीनो हंस को ले कर बहुत उत्सुक थी। सबसे बड़ी बेटी सोच रही थी कि कैसे उस को मौका मिले और वो हंस के पंख तोड़  ले। डेब्यूलिंग जैसे ही किसी काम से सराय के बाहर गया ।बड़ी लड़की ने हंस के पंख नोंच लिये लेकिन उसके हाथ पंखो से ही चिपक गए।

फिर दूसरी लड़की आई उसे भी पंखो का लालच था ।लेकिन जैसे ही उसने पंख लेने चाहे वो भी चिपक गई।
दूसरी के बाद तीसरी का भी यही हाल हुआ पंखो के लालच में तीनों बहनें हंस से चिपक गई।

बाहर से डेब्यूलिंग चिल्लाया " भगवान के लिये उसे छोड़ दो उस से दूर रहो " लेकिन बहनें इतनी बुरी तरह हंस से चिपक गई थी क़ि उन्हें रात हंस के साथ ही बितानी पड़ी।

सुबह डेब्यूलिंग ने देखा क़ि हंस उसकी गोद में बड़े आराम से बैठा हुआ है और तीनोँ बहनें अब भी एक दूसरे से चिपकी हुई इधर उधर आड़ी-तिरछी दौड़ रही।तीनोँ बहनें अपनी हरकत पर बहुत शर्मिंदा थी।

बहनें आड़ी-तिरछी हो कर रास्ते मे भागे जा रही थी।उन्हें रास्ते मे एक आदमी मिला उसने कहा " इस तरह से रास्ते में लड़कियो को भागना शोभा नहीं देता रुको"..लेकिन उन लड़कियों ने जैसे ही खुद को रोकने के लिये उस आदमी को पकड़ना चाहा उसको छूते ही वो भी उनके पीछे भागने को बाध्य हो गया।

उस आदमी के पीछे एक युवा लड़का भागा।लड़का चिल्ला रहा था " अरे गुरु जी इस तरह क्यों भाग रहे हैं ,लोग क्या कहेगें ?..गुरु जी ने लड़के को छुआ तो लड़का भी उनके पीछे भागने लगा।इस तरह उन तीन बहनोँ के पीछे अब वो दो भी भागने लगे।

रास्ते मे दो मजदुर मिले जो उन पांचों को आश्चर्य से देख रहे थे।गुरु जी ने उन दोनों से कहा " मदत करो भाइयों " उन्हों ने डरते हुये उन्हें छुड़ाने की कोशिश करी।लेकिन वो दोंनो भी साथ मेँ चिपक गए।अब कुल मिला कर वो सात लोग एक दूसरे से चिपके हुए डेब्यूलिंग और हंस के पीछे दौड़ रहे थे।

डेब्यूलिंग ,हंस और वो सातो एक शहर में पहुँचे। वहां के राजा की एक बेटी थी।जो बहुत उदास रहती थी।कभी नहीं हँसती थी।राजा ने पूरे शहर में ये ऐलान करवा दिया क़ि जो राजकुमारी को हंसाएगा उस से वो राजकुमारी का विवाह कर देगा। डेब्यूलिंग हंस के साथ राजा के महल में पंहुचा । वो सातो भी आड़े-तिरछे होते हुए पीछे पीछे दौड़ रहे थे।उन्हें देखते ही राजकुमारी जोर से हँस पड़ी और देर तक हँसती ही रही।

अब ऐलान के मुताबिक राजा को अपनी बेटी का विवाह डेब्यू लिंग के साथ करना था लेकिन राजा को डेब्यूलिंग बिल्कुल भी पसंद नहीं आया।  राजा ने शर्त रखी किसी ऐसे आदमी को लाओ जो रात होने से पहले वाइन के पूरे बैरल को पी जाये।अगर ऐसा होता है तब ही राजा डेब्यूलिंग से अपनी बेटी का विवाह करेगा।
डेब्यूलिंग ने थोड़ा सोचा और बोला " ठीक है महाराज " डेब्यू लिंग सीधा जंगल में पंहुचा जहाँ पेड़ की जड़ में उसे सोने का हंस मिला था। वहां वही भूरे घुंघराले बालों वाला आदमी बैठा हुआ था। आदमी ने डेब्यूलिंग से कहा "मुझे बड़ी प्यास लगी है, मुझे वाइन पिला दो " डेब्यूलिंग उस बूढे आदमी को ले कर राजा के पास पहुँचा।

कुछ ही देर में उसने वाइन का पूरा बैरल पी लिया। सभी हैरान थे।डेब्यूलिंग ने कहा " राजकुमारी क्या अब तुम मुझसे शादी करोगी " लेकिन राजा को लगा मुझे इस बदसूरत आदमी से अपनी बेटी को दूर रखना चाहिए।

राजा ने दूसरी शर्त रख दी।"एक ऐसा आदमी ढूढ कर लाओ जो ब्रेड का पूरा पहाड़ खा सके।इस बार डेब्यूलिंग ने कुछ नहीं सोचा और वो सीधा जंगल मे पहुँच गया।घुँघराले बालों वाला आदमी खुद को पट्टी से बांध ने की कोशश कर रहा था। उसे देखते ही वो बोला "मुझे बहुत भूख लगी है।मै जितना भी खा लू मेरा पेट नहीं भर रहा, खाने को कुछ है नहीं इस लियें मै खुद को बाँध रहा हूँ।" ये सुन कर डेब्यूलिंग खुश हो गया।वो बोला " आओ मेरे साथ " डेब्यूलिंग  बुढे आदमी को ले कर राजा के पास पहुँचा। राजा ने शहर से आटा इक्ट्ठा करवा के ब्रेड बेक करवाई और उसका पहाड़ बनवा दिया।

देखते देखते बूढ़ा आदमी ब्रेड का पूरा पहाड़ हजम कर गया।उसके बाद डेब्यूलिंग ने फिर पूछा "  क्या अब में राजकुमारी से शादी कर सकता हूँ "

राजा अब भी उसे  अपनी बेटी के लिये पसंद नहीं कर रहा था।सो उसने तीसरी शर्त रखी। राजा बोला " एक ऐसा शिप ले  कर आओ जो पानी और ज़मीन दोंनो पर चल सके । अगर तुम ऐसा कर सके तो मै निश्चिंत ही तुम्हारी शादी राजकुमारी से कर दूँगा ।"
डेब्यूलिंग तुरंत ही जंगल में भूरे, घुँघराले बालों वाले बूढे के पास पंहुचा , और उसे सारी बात बताई । बूढ़ा बोला " मै तुम्हारी मदत करूँगा क्यों कि तुम एक नेक दिल इंसान हो, तुमने मुझे भर पेट खाना खिलाया और वाइन भी पिलायी।" ऐसा कह कर बूढे ने डेब्यूलिंग को एक ऐसा शिप दिया जो जमीन और पानी दोनों पर चल सकता था।डेब्यूलिंग की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा।
वो शिप ले कर राजा के पास पंहुचा।अब राजा के पास उसे अपनी बेटी से दूर रखने का कोई बहाना नहीं था।राजा ने डेब्यू लिंग और राजकुमारी का विवाह करवा दिया।राजा के गुजर जाने के बाद डेब्यूलिंग वहां का राजा बना। सोने का सुंदर हंस अब भी उसके पास था।